Check few points before buying a second hand car.
भारत में जितनी तेजी से new cars लॉन्च हो रही हैं. उतनी ही तेजी से Second Hand cars का बाजार भी बढ़ रहा है. First car खरीदने पर लोगों के प्रति new car खरीदने का शौक ज्यादा होता है. Check Few points Before Buying a Second Hand car.
लेकिन कई लोग ऐसे जो लर्निंग ड्राइविंग की स्थिति में होते हैं. वह नई कार खरीने की बजाए Second Hand car खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं.
आज लोगों के पास बाजार में विकल्पों और एक्सचेंज ऑफर्स की कमी नहीं है।
ऐसा इसलिए क्योंकि वह नई कार के मुकाबले आधी से भी कम कीमतों पर मिल जाती हैं.
तो चलिए आज हम जानते है की किसी Second Hand car से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रही है.
जो आपको आपको बेहतर डील दिलवाने में मदद करेगी.
- सबसे पहले बात करते है General चेकउप की, जिसको आप भी खुद चेक कर सकते है.
- चेक करे गाड़ी पर कही दुबारा रंग तो नहीं हुआ है
- कार में यदि दोबारा पेंट किया है तो संभावना एक्सीडेंट की भी होती है
- गाड़ी के टायर जरूर जांच ले. 1 या 2 साल चल सकते है या नहीं ?
- गाड़ी में बैट्री जरूर जांच ले. कही कार्बन तो जमा नहीं है.
- नहीं तो गाड़ी स्टार्ट होने में परेशानी पैदा कर सकती है. Battery water के स्तर का भी निरीक्षण करें.
- गाड़ी पर कही dent या scratch तो नहीं है.
- गाड़ी में ज्यादा जंग लगी है गाड़ी को चारो तरफ से जांच ले.
- गाड़ी के seat cover जरूर जांच ले. कही फटे न हो.
- गाड़ी की मेंटिनेंस कितनी महंगी है. कार कितने किलोमीटर चली है इस पर जरूर ध्यान दे.
- गाड़ी के सभी उपकरण और बटन चला कर देखे.
- एसी, हीटर के अलावा म्यूजिक सिस्टम, ऑक्स केबल और सिग्रेट लाइट भी टेस्ट करें.
- टेस्ट ड्राइव कम से कम 4 से 5 किलोमीटर की लें. इसके अलावा क्लच व ब्रेक की स्थिति भी देखें.
- Car की मेंटिनेंस कितनी महंगी है। कार कितने किलोमीटर चली है.
- हो सके तो सर्विस हिस्ट्री से यह भी पता चल जाएगा
- कि इंजन ऑयल सही समय पर बदलवाया है या नहीं
- वहीं डीजल इंजन, पेट्रोल की तुलना में ज्यादा किफायती होता है.
- लेकिन डीजल इंजन लेना तब ज्यादा कारगर होता है जब आप करीब 100 किमी का सफर तय करते हों.
अब बात करते है गाड़ी के Documents को चेक करने की.
- Second Hand car खरीदते समय गाड़ी के बीमा की स्थिति जरूर चेक करें.
- साथ ही देखें कि उसके खत्म होने में कितना समय बाकी है.
- गाड़ी का मॉडल कौन सा है. कंपनी ने यदि उसका उत्पादन तो बंद नहीं कर दिया है.
- गाड़ी खरीदते समय पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जरूर लें.
- रेजिस्ट्रेशन बुक: इसमें गाड़ी का नंबर, चेसिस नंबर, इंजन नंबर भी होता है.
- यदि गाड़ी का एक्सिडेंट होता है. तो उसे दूसरा चेसिस नंबर दिया जाता है.
- इसलिए आरसी और गाड़ी, दोनों में इसका मिलान जरूर करें.
- रजिस्ट्रेशन पेपर में उसी राज्य का नाम दर्ज है या नहीं, जिस राज्य में आपको कार चलानी है.
- अगर नहीं, तो रजिस्ट्रेशन उस राज्य में ट्रांसफर कराना होगा।
- यह एक लंबी प्रक्रिया है और इसमें पैसे भी खर्च होते हैं.
- आप जिस व्यक्ति से कार खरीद रहे हैं, उसने अगर बैंक से लोन लेकर कार खरीदी थी.
- तो आप उससे ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ की मांग करें.
- इस सर्टिफिकेट की ओरिजनल कॉपी देख लें और एक फोटो कॉपी अपने पास रख लें.
Old Bolero Modified in new fabulous luxury look.
अब बात करते फाइनेंस की.
- पुरानी कार पर कितना मिल सकता है लोन.
- कितने समय के लिए मिलता है लोन.
- लोन के लिए बैंकों ये शर्तें करनी पड़ेंगी पूरी.
- Second Hand car जहां जेब पर भारी नहीं पड़ती, वहीं कभी-कभी छोटी सी चूक भी काफी महंगी पड़ सकती है.
- यदि आपने अपनी first car लेने के लिए कार लोन लिया है
- तो कई बार कार लोन देने वाले बैंक भी आकर्षक पैकेज ऑफर करते हैं.
- जितना ज्यादा हो सके उतने बैंकों के कार लोन और उस पर लगने वाले इंट्रेस्ट आदि की जानकारी ले लें.
Check Few points Before Buying a Second Hand car.
One thought on “Check Few points Before Buying a Second Hand car.”