आजकल हर कोई स्मार्टफोन इस्तेमाल करता है व अपने सभी तरह के ऑफिसियल काम स्मार्टफोन से करना पसंद करता है, लेकिन स्मार्टफोन की कम चलती बैटरी ओर धीरे charging speed सभी को परेशान करती है। ऐसे में फ़ोन के लिए fast charging या Quick Charging सभी स्मार्टफोन्स के लिए आज के समय में काफी जरूरी हो गया है ताकि फोन जल्दी चार्ज हो सके। तो आइये जानते है इस आर्टिकल में Fast Charging Technology Work कैसे करती है
फ़ास्ट चार्जर क्या है
सबसे पहले जब शुरू में स्मार्टफोन्स आये थे तो फ़ोन जल्दी चार्ज नहीं होते थे। एक पारंपरिक चार्जर में 5 से 10 वाट का आउटपुट होता था. और फोन की बैटरी पूरी चार्ज होने में 2 घंटे से ज्यादा समय लगता था ओर इतना समय किसी के पास नही होता कि फ़ोन को 2 घंटे से ज्यादा समय तक चार्जिंग में लगा सके, क्योंकि किसी को ऑफिस की जल्दी होती है तो किसी को कोई अन्य काम की। एक तेज चार्जर आठ गुना तक सुधार कर सकता है
उदाहरण के लिए, iPhone 11 प्रो और प्रो मैक्स 18-वाट फास्ट चार्जर के साथ आते हैं , गैलेक्सी नोट 10 और नोट 10 प्लस में उनके बक्से में 25-वाट चार्जर हैं। सैमसंग आपको एक अतिरिक्त-स्पीड 45-वाट चार्जर भी उपलब्ध कराता है। नया स्मार्टफोन खरीदने जा रहे हैं तो आपके काम ये टिप्स आ सकते हैं
फ़ास्ट चार्जिंग तकनीक क्या है?
फ़ास्ट चार्ज तकनीक आपके फ़ोन के चार्जर Wattage पर निर्भर करता है। फ़ोन चार्जर का Wattage जितना ज्यादा होगा, आपका फ़ोन उतना ही ज्यादा जल्दी चार्ज होगा। हर स्मार्टफोन में पावर मैनेजमेंट सर्किट बोर्ड होता है। ये तय करता है कि किसी भी समय बैटरी कितनी वॉट बिजली ले सकती है। जिन स्मार्टफोन में क्विक चार्ज नहीं है उनमें ये 10 वॉट तक सीमित है।

फोन को Fast charge या जल्दी चार्ज करने वाली तकनीक को ही Fast Charging या Quick Charging कहा जाता है. सभी कंपनियां इसको अलग अलग नाम देती हैं।
फ़ास्ट चार्जर में Watt क्या है?
Voltage और Ampere को मिलाकर Wattage बनता है। यह आपके फ़ोन के charge adopter पर लिखा होता है। जैसे – 5V और 2A. चार्जर की कुल Wattage को निकालने के लिए Voltage को Ampere से गुणा किया जाता है।
क्या फ़ास्ट चार्जर तकनीक से फ़ोन खराब होता है?
बिल्कुल नहीं! इससे फ़ोन पर कोई असर नहीं होता। कुछ कैसेस में आपको फ़ोन थोड़ा heat हो सकता है लेकिन फ़ोन खराब होने जैसी कोई बात नहीं है।
फ़ास्ट चार्जिंग तकनीक काम कैसे करती है?
Fast Charging Technology Work कैसे करती है सबसे पहले चरण में खाली या लगभग खाली बैटरी पर वोल्टेज का प्रहार होता है। यह आपको पहले 10, 15 या 30 मिनट में 50 से 70% तक का धमाकेदार चार्ज देता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चार्जिंग के पहले चरण के दौरान, बैटरी अपने दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर प्रमुख नकारात्मक प्रभावों के बिना चार्ज को जल्दी से अवशोषित कर सकती है।

उदाहरण के लिए, सैमसंग वादा करता है कि उसका 45 वॉट का चार्जर आधे घंटे में शून्य से 70% चार्ज हो सकता है । Apple का कहना है कि इसके iPhone 11 प्रो के साथ आने वाला फास्ट चार्जर 30 मिनट में 50% चार्ज मार सकता है ।
क्या फ़ास्ट चार्जर किसी भी फ़ोन में लगाया जा सकता है?
Fast charger और Quick charger को आप किसी भी फ़ोन में इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन इससे सभी फ़ोन फ़ास्ट चार्ज नहीं होंगे। इससे सिर्फ वही फ़ोन फ़ास्ट चार्ज हो सकेंगे, जो इसको सपोर्ट करते हैं। बाकी वैसे ही चार्ज होंगे जैसे नॉर्मल चार्जर से होते हैं। अगर आपको पिक्सेल टेक्नोलॉजी के बारे में जाननाहै तो यंहा click करें.
क्या फ़ास्ट चार्जिंग या Quick चार्जिंग के क्या नुकसान हैं?
ऐसे नहीं है कि इस तकनीक के आपके लिए सिर्फ फायदे हैं और फ़ोन 30 मिनट में ही full charge हो जाएगा और आपका समय बचेगा। Quick charging तकनीक के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, Fast Charging तकनीक से आपका फोन व फ़ोन की बैटरी Heat हो सकती है। यह गर्मियों में ज्यादा परेशान कर सकती है। फ़ास्ट चार्जिंग से आपके फ़ोन की बैटरी लाइफ भी कम हो सकती है और फ़ोन की बैटरी भी जल्दी खराब हो सकती है।
फ़ास्ट चार्जर के साथ हल्की चार्जिंग केबल इस्तेमाल न करें.
अगर आप फ़ास्ट चार्जर में कोई हल्की चार्जिंग केबल इस्तेमाल करते हैं तो वह जल सकती है। इसलिए आपको हमेशा ओरिजनल केबल ही इस्तेमाल करनी होती है जो फ़ास्ट चार्जर के पॉवर को accept कर सके।
क्या Quick Charger उसी कंपनी का इस्तेमाल करें, जिस कंपनी का फ़ोन है?
ये भी कोई जरूरी नहीं है। आपको अच्छा लगे और आपके लिए किफायती हो तो आप किसी ओर कंपनी का फ़ास्ट चार्जर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे आप Oneplus में Vivo का फ़ास्ट चार्जर इस्तेमाल कर सकते हैं या किसी अन्य थर्ड पार्टी कंपनी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इससे फ़ोन ओर चार्जिंग स्पीड पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
फ़ोन अगर फ़ास्ट चार्जिंग Support है तो क्या चार्जिंग के लिए फ़ास्ट चार्जर ही लगाना पड़ेगा?
ऐसे भी बिल्कुल जरूरी नहीं है। आप अपने फ़ोन को slow chargers से भी चार्ज कर सकते हैं। आप जितना चाहे फोन को स्लो चार्ज करें, आपके फोन की बैटरी पर इसका कोई नुकसान नहीं होगा। अगर आपका फ़ास्ट चार्जर खराब हो जाता है तो आप slow charger से भी फ़ोन को चार्ज कर सकते हैं। बस इससे फ़ोन धीरे चार्ज होगा, फ़ास्ट चार्जर के मुकाबले।
क्या Quick charge तकनीक से फ़ोन 0% से 100% तक एक समान चार्ज होता है?
इस तकनीक में चार्जिंग स्पीड एक समान नहीं रहती है। अगर आपकी बैटरी 0% है तो यह 50% तक full speed से चार्ज होती है। इसके बाद 80% तक 18W पॉवर के साथ व उसके बाद 10w पॉवर के साथ चार्ज होगी। यानी चार्जिंग स्पीड जैसे जैसे बैटरी लेवल बढ़ता जाता है, वैसे वैसे कम होती जाती है।
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