US banned Huawei’s Kirin processor now shutting down. अब ह्वावे अपने प्रोसेसर नहीं बना पाएगा. Huawei के सीईओ रिचर्ड यू ने ऐलान किया है कि 15 सितंबर के बाद कंपनी किरिन प्रोसेसर का प्रोडक्शन बंद कर देगी. किरिन एक हाई-एंड प्रोसेसर है. मेट 40 (Mate 40) फ़्लैगशिप आख़िरी ह्वावे फ़ोन होगा, जिसमें किरिन (Kirin) प्रोसेसर लगा हुआ होगा.
स्मार्टफ़ोन की जान उसका प्रॉसेसर होता है. कुछ कम्पनी ये प्रॉसेसर ख़ुद बनाती है और तो कुछ प्रोसेसर बनाने वाली कंपनियों से इन्हें खरीदती हैं. ऐपल, ह्वावे (Huawei) और सैमसंग उन चुनिंदा कंपनियों में से एक है जो अपने प्रॉसेसर खुद बनाती हैं.
क्यों बंद होगा किरिन?
पिछले साल अमेरिका ने ह्वावे पर जासूसी का इल्ज़ाम लगाकर googleसर्विसेज को बैन कर दिया था और अब बैन की गाज इसके ख़ुद के प्रोसेसर लाइनप पर भी आ गिरी है. कियोंकि Huawei की किरिन चिप को ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफ़ैक्चरिंग कम्पनी (TSMC) बनाती है. और TSMC चिप बनाने के लिए अमेरिकी टेक्नॉलजी और इक्विप्मेंट इस्तेमाल करती है. तो इस हिसाब से TSMC को ह्वावे के लिए चिप बनाने के लिए अमेरिकी सरकार की इजाज़त लेनी पड़ेगी. इसलिए US banned Huawei’s Kirin processor now shutting down

ह्वावे की नैया पार कौन लगाएगा?
किरिन प्रॉसेसर Huawei के लिए दूसरी पहचान की तरह था. अब कम्पनी के पास दो रास्ते हैं. या तो किसी दूसरे चिप मेकर से ही प्रोसेसर ख़रीदे या फिर चाइना की सबसे बड़ी चिप-मेकर SMIC या सेमीकंडक्टर मैन्युफ़ैक्चरिंग इंटरनैशनल कॉर्प के पास जाए.
लेकिन SMIC से चिप बनवाना टेक्नॉलजी के पायदान पर नीचे उतरने जैसा होगा. TSMC नई टेक्नॉलजी वाले 7nm साइज़ के चिप बना रहा था और जल्द ही 5nm साइज़ पर शिफ़्ट होने वाला था. मोटे-मोटे तौर पर ये समझ लीजिए कि जितना छोटा सेमीकंडक्टर का साइज़, उतना अच्छा प्रॉसेसर. मगर SMIC की टेक्नॉलजी अभी तक 14nm के साइज़ की ही चिप बना सकती है.
हर जगह जहां Huawei एआरएम आईपी का उपयोग करता है, वह प्रभावित होगा. उसके बाद कंपनी नवीनतम और सबसे बड़ी एआरएम डिजाइन पर अटकल हो जाएगा.
ह्वावे कंपनी किस प्रोसेसर को उपयोग में लाये.
Huawei दूसरी कम्पनी से चिप लेने की सोचेगा तो, मार्केट में तीन ही नाम हैं— मीडियाटेक, सैमसंग, और क्वाल्कॉम. आजकल मीडियाटेक के G-सीरीज़ प्रोसेसर काफ़ी पसंद किए जा रहे हैं. G-सीरीज़ प्रोसेसर की चिप बहुत सारे मिडरेंज और बजट स्मार्टफ़ोन में देखने को भी मिल रही है. पर फ़्लैगशिप फ़ोन में मीडियाटेक ना के बराबर ही मौजूद हैं. प्रीमियम फ़ोन में कंपनियां क्वाल्कॉम को ही प्रिफरेंस देते हैं. जबकि सैमसंग अपने फ़ोन में ख़ुद का एक्सिनोस (Exynos) प्रॉसेसर डालता है, हालांकि अमेरिकी मार्केट के लिए क्वाल्कॉम की हाई-एंड स्नैपड्रैगन चिप डालता है.

“एआरएम अमेरिकी सरकार द्वारा निर्धारित सभी नवीनतम नियमों का अनुपालन कर रहा है एआरएम ने अपने लंबे समय के साथी HiSilicon के साथ अपने संबंधों को महत्व दिया है वर्तमान प्रतिबंधों के तहत ARM किसी भी निर्यात-प्रतिबंधक IP को HiSilicon के लिए लाइसेंस नहीं दे सकता है।
वास्तव में क्वाल्कॉम एक अमेरिकी कम्पनी है. और यहां पर क्वाल्कॉम अमेरिकी सरकार पर दबाव बनाने के कोशिश कर रहा है कि उसे इजाज़त दी जाए. कि वो Huawei को चिप बेच सके. Huawei दुनिया की नम्बर एक स्मार्टफ़ोन कम्पनी है. Huawei जिस कम्पनी को भी अपने प्रॉसेसर बनाने का कॉन्ट्रैक्ट देगी. उस कम्पनी के लिए बहुत बड़ी जीत साबित होगी.
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